संसद में तमिलनाडु सरकार पर बरसे अनुराग ठाकुर: दीये जलाने और हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ के आरोप, जानिए मामला

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सार

तमिलनाडु के कार्तिगई दीपम मुद्दे पर हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि यह मामला राज्य के हिंदुओं की ताकत के आधार पर ही सुलझ जाएगा। उन्होने कहा था कि मामला फिलहाल अदालत में है, इसे वहीं सुलझने दें।

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भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने संसद में तमिलनाडु सरकार को घेरा – फोटो : ANI

विस्तार

तमिलनाडु के मदुरै जिले में तिरुपरमकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित अरुलमिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर में कार्तिगई दीपम त्योहार को लेकर उठा बवाल अब बढ़ता जा रहा है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को संसद में इस मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार को घेरा। 

सांसद ठाकुर ने कहा, ‘भारत का एक राज्य सनातन धर्म-विरोध का चेहरा बन गया है। इस राज्य के मंत्रियों ने सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिए हैं।’ अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तो तमिलनाडु के मंदिरों में इसके प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी। 

संसद में उठा कार्तिगई दीपम विवाद
भाजपा सांसद ने दावा किया कि इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ लोगों को कोर्ट का रुख करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। ठाकुर ने कहा कि मदुरै पीठ ने ‘कार्तिगई दीपम’ को लेकर जारी निर्देशों को अधिकारियों की ओर से जानबूझकर पालन न करने के आरोप लगाए।

उन्होंने कहा, ‘हिंदू श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाई गईं। कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें महादीपम जलाने के अनुमति नहीं दी गई। मेरा सवाल है कि पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश क्यों नहीं माने? हिंदुओं को क्यों रोका गया?’ अनुराग ठाकुर ने कहा कि तमिलनाडु सरकार की ओर से हाईकोर्ट के निर्देश की अवमानना की गई। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मामला हो या कार्तिगई दीपम का तमिलनाडु सरकार की ओर से हिंदू श्रद्धालुओं को क्यों रोका जाता है?

हाईकोर्ट जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर भड़की भाजपा
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर तमिलनाडु भाजपा के मुख्य प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा, ‘उन पर एक विशेष समुदाय का पक्ष लेने का आरोप है, जो बिल्कुल गलत है। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि एक सरकार ऐसा कर रही है, क्योंकि यह द्रविड़ मॉडल वाली सरकार अल्पसंख्यक वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही है। डीएमके की मानसिकता हिंदू-विरोधी और ब्राह्मण-विरोधी है। डीएमके और उसके सहयोगी तमिलनाडु में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।”

क्या है पूरा मामला?
मदुरै जिले में तिरुपरमकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित अरुलमिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर में कार्तिगई दीपम त्योहार पर दीपथून में महादीपम जलाए जाने की परंपरा है। दरगाह के पास होने की वजह से इसे जलाने के विरोध किया जा रहा था। 

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने कार्तिगई दीपम पर पहाड़ी पर दीप जलाने की अनुमति दे दी। हालांकि, तमिलानाडु प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को रोक दिया गया। इस पर हिंदू तमिलार कांची के संस्थापक की ओ से अवमानना की अर्जी दी। इस पर मदुरै पीठ ने फिर से सीआईएसएफ की सुरक्षा में दीप जलाने की मंजूरी दी।

मदुरै पीठ के जज के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव
इस आदेश पर भी प्रशासन ने पहाड़ी पर दीप जलाने से लोगों को रोक दिया। राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। यह फैसला देने वाले हाईकोर्ट के जज जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ 120 सांसदों ने महाभियोग का प्रस्ताव दायर किया है

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