’83 बच्चों को परोसा कुत्ते का जूठा खाना’: छत्तीसगढ़’83 बच्चों को परोसा कुत्ते का जूठा खाना’: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पलारी मिड-डे मील कांड पर मांगा जवाब

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’83 बच्चों को परोसा कुत्ते का जूठा खाना’: छत्तीसगढ़’83 बच्चों को परोसा कुत्ते का जूठा खाना’: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पलारी मिड-डे मील कांड पर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने पलारी के लच्छनपुर स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए सरकार से वैक्सीन, कार्रवाई, मुआवजे और भविष्य की व्यवस्था पर 19 अगस्त तक जवाब मांगा।

Chhattisgarh High Court seeks reply on mid-day meal scandal in Lachchanpur school of Palari

मिड-डे मील कांड पर मांगा जवाब – फोटो : अमर उजालाविज्ञापन

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विस्तार

जिले के पलारी ब्लॉक अंतर्गत लच्छनपुर मिडिल स्कूल में मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना परोसने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है और इसे “गंभीर लापरवाही” करार दिया है।

कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 19 अगस्त 2025 तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जारी किया।
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घटना 28 जुलाई की है, जब स्कूल में 83 बच्चों को वही खाना परोसा गया जिसे एक आवारा कुत्ता पहले जूठा कर चुका था। इसके बाद बच्चों को एंटी रेबीज वैक्सीन की डोज दी गई। लेकिन बच्चों की संख्या को लेकर आंकड़ों में गड़बड़ी पाई गई। कहीं 78 तो कहीं 83 बच्चों का जिक्र है।

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
मिड-डे मील कोई औपचारिकता नहीं है। यह बच्चों की गरिमा और जीवन से जुड़ा मुद्दा है। कुत्ते का जूठा खाना परोसना अमानवीय और प्रशासनिक विफलता का उदाहरण है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, इन 4 बिंदुओं पर
1. क्या सभी बच्चों को समय पर वैक्सीन दी गई?
2. जिम्मेदार शिक्षकों एवं स्व-सहायता समूह पर क्या कार्रवाई हुई?
3. प्रभावित बच्चों को मुआवजा मिला या नहीं?
4. भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने क्या व्यवस्था की गई है?

अगली सुनवाई 19 अगस्त को
यह मामला छत्तीसगढ़ भर में आक्रोश का कारण बन गया है। बच्चों की सेहत और सुरक्षा से समझौता किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। यही संदेश अब अदालत से भी स्पष्ट हो चुका है।विज्ञापन

https://721f5563a8437ddecf57d6c2b6b0cf6b.safeframe.googlesyndication.com/safeframe/1-0-45/html/container.html हाईकोर्ट ने पलारी मिड-डे मील कांड पर मांगा जवाब

अमर उजाला नेटवर्क, बलौदा बाजार-भाटापारा Published by: अनुज कुमार Updated Tue, 05 Aug 2025 09:11 AM IST

सार

हाईकोर्ट ने पलारी के लच्छनपुर स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए सरकार से वैक्सीन, कार्रवाई, मुआवजे और भविष्य की व्यवस्था पर 19 अगस्त तक जवाब मांगा।

Chhattisgarh High Court seeks reply on mid-day meal scandal in Lachchanpur school of Palari

मिड-डे मील कांड पर मांगा जवाब – फोटो : अमर उजालाविज्ञापन

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विस्तार

जिले के पलारी ब्लॉक अंतर्गत लच्छनपुर मिडिल स्कूल में मिड-डे मील में कुत्ते का जूठा खाना परोसने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है और इसे “गंभीर लापरवाही” करार दिया है।

कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को 19 अगस्त 2025 तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह आदेश कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जारी किया।
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घटना 28 जुलाई की है, जब स्कूल में 83 बच्चों को वही खाना परोसा गया जिसे एक आवारा कुत्ता पहले जूठा कर चुका था। इसके बाद बच्चों को एंटी रेबीज वैक्सीन की डोज दी गई। लेकिन बच्चों की संख्या को लेकर आंकड़ों में गड़बड़ी पाई गई। कहीं 78 तो कहीं 83 बच्चों का जिक्र है।

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
मिड-डे मील कोई औपचारिकता नहीं है। यह बच्चों की गरिमा और जीवन से जुड़ा मुद्दा है। कुत्ते का जूठा खाना परोसना अमानवीय और प्रशासनिक विफलता का उदाहरण है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, इन 4 बिंदुओं पर
1. क्या सभी बच्चों को समय पर वैक्सीन दी गई?
2. जिम्मेदार शिक्षकों एवं स्व-सहायता समूह पर क्या कार्रवाई हुई?
3. प्रभावित बच्चों को मुआवजा मिला या नहीं?
4. भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने क्या व्यवस्था की गई है?

अगली सुनवाई 19 अगस्त को
यह मामला छत्तीसगढ़ भर में आक्रोश का कारण बन गया है। बच्चों की सेहत और सुरक्षा से समझौता किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। यही संदेश अब अदालत से भी स्पष्ट हो चुका है।विज्ञापन अमर उजाला से साभार

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