अब ट्रेन में में चोरी हुए मोबाइल आपको यह सरकारी एप के जरिए मिल सकेगा संचार साथी सरकारी एप है। इसे केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग ने इसी साल जनवरी में लॉन्च किया था। इस एप की मदद से आप मोबाइल से ही साइबर फ्रॉड या फेक कॉल्स की भी शिकायत कर सकते हैं। साथ ही आप चोरी या गुम हुए फोन का पता लगा सकते हैं या उसे ब्लॉक भी कर सकते हैं। इससे पहले सरकार ने में संचार साथी पोर्टल भी लॉन्च किया था। इसके जरिए लोग फ्रॉड कॉल्स और मैसेज की शिकायत कर सकते हैं। साथ ही यूजर्स गुम हुए मोबाइल फोन में लगे सिम को ब्लॉक भी कर सकते हैं। साथ ही अपने आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर की जांच भी कर सकते हैं।
संचार साथी वेबसाइट पर मौजूद क्यू आर कोड को स्कैन करके संचार साथी एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप सीधे प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर पर जाकर भी इस एप को डाउनलोड कर सकते हैं। एप डाउनलोड करने के बाद अपना मोबाइल नंबर डालकर लॉगिन करना होगा। इसके बाद आप इस एप के फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं। ट्रेन में सफर के दौरान फोन चोरी होने या गुम होने के बाद आप किसी दूसरे के फोन में संचार साथी एप डाउनलोड करके अपने फोन को तलाश कर सकते हैं। साथ ही उसे ब्लॉक भी करा सकते हैं। रेलवे स्टेशन या ट्रेन में फोन चोरी होने पर आरपीएफ को इसके बारे में जानकारी देनी होगी। इसके बाद आरपीएफ संचार साथी एप की मदद से फोन के बारे में पता लगाएगी।आम आदमी इस तरह से फोन कर सकेंगे ब्लॉक के लिय रेल मद द एप
खोए हुए मोबाइल फोन प्राप्त करने के लिए यात्री इसकी शिकायत रेल मदद एप या 139 डायल के जरिए कर सकते हैं। यदि यात्री एफआईआर दर्ज नहीं कराना चाहते, तो उन्हें सीईआईआर पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराने का भी विकल्प मिलेगा। सीईआईआर पोर्टल पंजीकरण का विकल्प चुनने पर आरपीएफ की जोनल साइबर सेल शिकायत को सीईआईआर पोर्टल पर दर्ज करेगी और आवश्यक विवरण दर्ज करने के बाद डिवाइस को ब्लॉक करेगी। यदि सिम के साथ खोए हुए पता मिल जाता है तो डिवाइस के उपयोगकर्ता को निकटतम आरपीएफ पोस्ट पर लौटाने की सलाह दी जाएगी। इसके बाद मोबाइल का असली उपयोगकर्ता आवश्यक दस्तावेज देकर अपना फोन वापस पा सकता है। फोन मिलने के बाद, शिकायतकर्ता सीईआईआर पोर्टल के माध्यम से फोन को अन ब्लॉक करने का अनुरोध कर सकता है, जिसमें जरूरत पड़ने पर आरपीएफ से सहायता मिलेगी । जनहित में जारी